Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2021 · 1 min read

है यही कड़वा सच

तरक्की की बहुत हमने, हो गए मकान बड़े
हर तरफ दिखते है आलीशान भवन बड़े
लेकिन रहने वाले उन घरों में हो गए कम
घर में भी है अकेले, हो गए घर इतने बड़े।।

खुल रहे उच्च शिक्षा संस्थान कई
ले रहे छात्र बड़ी बड़ी डिग्रियां जहां
लेकिन संस्कारों की शिक्षा हो गई बंद
जाए कहां सीखेंगे वो, संस्कार जहां।।

बेहतर हो गई स्वास्थ्य सेवाएं
ढूंढ लिए हमने इलाज कई
लेकिन बढ़ रही बीमारियां भी
जो पहले थी कहीं दिखती नहीं।।

पहुंच गए हम अंतरिक्ष में
मंगल पर पांव रख दिए हमने
पड़ोसी को हम जानते नहीं
ये कैसी उड़ान भर दी है हमने।।

हो गए हम समृद्ध पहले से
सुख सुविधाएं मिल रही तमाम
न जाने आज का मानव फिर
क्यों भूल गया है सुकून का नाम।।

पहनते है लोग महंगी घड़ियां
लेकिन उनके पास समय है नहीं
बातें बहुत है दिल में उनके
लेकिन सुनने वाला कोई है नहीं।।

जहां भी देखो, हर जगह
ज्ञान की गंगा बह रही है
कोई जगह नहीं है मेरी इसमें
ये भावनाएं कह रही है।।

रिश्ते बनते आजकल देर नहीं लगती
लेकिन उससे भी तेज़ी से टूटते है रिश्ते
बस कहानियों में ही मिलते है पढ़ने को
आजकल सच्चा प्यार और सच्चे रिश्ते।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"रिश्तों में चतुराई"
Yogendra Chaturwedi
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
G
G
*प्रणय प्रभात*
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
🤲
🤲
Neelofar Khan
हर‌ शख्स उदास है
हर‌ शख्स उदास है
Surinder blackpen
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
SPK Sachin Lodhi
करके इशारे
करके इशारे
हिमांशु Kulshrestha
राम प्यारे हनुमान रे।
राम प्यारे हनुमान रे।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
ञ'पर क्या लिखूं
ञ'पर क्या लिखूं
Satish Srijan
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
डॉ० रोहित कौशिक
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
Sonam Puneet Dubey
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
Keshav kishor Kumar
गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए
गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए
VINOD CHAUHAN
यह जो आँखों में दिख रहा है
यह जो आँखों में दिख रहा है
कवि दीपक बवेजा
अवध स' आबू ने श्रीराम...
अवध स' आबू ने श्रीराम...
मनोज कर्ण
हर खुशी पाकर रहूँगी...
हर खुशी पाकर रहूँगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
छुआ  है  जब  से मैंने उम्र की ढलान को,
छुआ है जब से मैंने उम्र की ढलान को,
Dr fauzia Naseem shad
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
तेरी पनाह.....!
तेरी पनाह.....!
VEDANTA PATEL
*माहेश्वर तिवारी जी: शत-शत नमन (कुंडलिया)*
*माहेश्वर तिवारी जी: शत-शत नमन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
4432.*पूर्णिका*
4432.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सौदा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...