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3 Feb 2024 · 1 min read

है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!

है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
क्यू नही लोगो ने अपनी ~अपनी आकी?
समन्वित संताप सबको भोगना ही होगा!
संस्कारो का अवमूल्यन रोकना ही होगा!!
करते है स्वयं को सुधारने का कुछ प्रयास!
क्योकि इसी पर आधारित धवल इतिहास!!
जब भी पाप का ग्राफ बढ जाता है निरंतर!
तब -तब अवतीर्ण होते रहै योगेश्वर निरंतर!!

बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं फेस=2 सिकंदरा,आगरा=282007
मो:9412443093

Language: Hindi
85 Views
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