है जगत के स्वामी
हे जगत के पालनहार
है तेरी रचना शानदार
सम्पूर्ण ब्रहमांड तेरे अधीन
गाऊँगा सदा तेरे गुनगान
है माता पिता जगत आधार
बनते बच्चों के आधार
लूटाते लाड़-दुलार सम्पूर्ण
है उनके चरणों में समस्त संसार
हो मानवतावादी समाज
सुख दुःख में शामिल समाज
मानवता की है पहचान
सर्वे भव॔तु सुखिन:
है नमन जगतस्वामी
करता प्रणाम गृहस्वामी
दो सुख शांति सब को
समस्त जग तेरे बस में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल