Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2022 · 1 min read

है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..!

म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,
है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..!

एक हद तक, ही रहीं बस, जुम्बिशें,
कब तलक शर्म ओ हया की बंदिशें
ज़ुल्म कर मुझ पर मग़र खामोश हूँ
क़ायदे कानून, या फिर साज़िशें,
हक़ मुझे भी मुस्कुराने का मिले,
थक चुकी हूँ झेलते इस पीर को,
है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..!

हद ज़मीं की देख ली है दौड़कर,
आसमां को आ गयीं हूँ चूमकर,
नाप ली हैं तह समंदर की सभी,
कब तलक मुझको रखोगे क़ैद कर,
और कितने इम्तिहां बाकी अभी,
खोल भी दो अब तो इस जंजीर को,
है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..!

पंकज शर्मा “परिंदा”

Language: Hindi
Tag: गीत
132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
Shweta Soni
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
पूर्वार्थ
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
नियम पुराना
नियम पुराना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
عبادت کون کرتا ہے
عبادت کون کرتا ہے
Dr fauzia Naseem shad
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मतदान
मतदान
साहिल
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Pratibha Pandey
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2483.पूर्णिका
2483.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"मैं सोच रहा था कि तुम्हें पाकर खुश हूं_
Rajesh vyas
माँ की छाया
माँ की छाया
Arti Bhadauria
अपनी सत्तर बरस की मां को देखकर,
अपनी सत्तर बरस की मां को देखकर,
Rituraj shivem verma
#देश_उठाए_मांग
#देश_उठाए_मांग
*प्रणय प्रभात*
News
News
बुलंद न्यूज़ news
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
Ranjeet kumar patre
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
VINOD CHAUHAN
"क्या देश आजाद है?"
Ekta chitrangini
रमेशराज के नवगीत
रमेशराज के नवगीत
कवि रमेशराज
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
"आशा-तृष्णा"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
Anand Kumar
मैं भी तुम्हारी परवाह, अब क्यों करुँ
मैं भी तुम्हारी परवाह, अब क्यों करुँ
gurudeenverma198
*कभी  प्यार में  कोई तिजारत ना हो*
*कभी प्यार में कोई तिजारत ना हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देश की आत्मा है हिंदी*
*देश की आत्मा है हिंदी*
Shashi kala vyas
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
Loading...