Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2020 · 1 min read

है कुछ यादे आज भी

शायद अब वो मुझे पहचान ना सके
दर्द दिल का वो मेरा ,ना जान सके
अल्फाज़ ऎ मोहब्बत, ना बयां कर सकूं
ना रो सकू ना केह सकू
मोहब्बत की सच्चाईया
ना मिटा सकूं ना छुपा सकूं
दिल की खामोशियां
ना वो समझ सके,ना समझा सकु
शायद अब वो मुझे पहचान ना सके
दर्द दिल का वो मुझे ,ना जान सके

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
विजयनगरम के महाराजकुमार
विजयनगरम के महाराजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
// ॐ जाप //
// ॐ जाप //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मानव और मशीनें
मानव और मशीनें
Mukesh Kumar Sonkar
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
गर्म हवाएं चल रही, सूरज उगले आग।।
गर्म हवाएं चल रही, सूरज उगले आग।।
Manoj Mahato
दिल से हमको
दिल से हमको
Dr fauzia Naseem shad
मनमर्जी की जिंदगी,
मनमर्जी की जिंदगी,
sushil sarna
मेरी माटी मेरा देश....
मेरी माटी मेरा देश....
डॉ.सीमा अग्रवाल
(हमसफरी की तफरी)
(हमसफरी की तफरी)
Sangeeta Beniwal
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बहुत सहा है दर्द हमने।
बहुत सहा है दर्द हमने।
Taj Mohammad
💐प्रेम कौतुक-442💐
💐प्रेम कौतुक-442💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"शुक्रगुजार करो"
Dr. Kishan tandon kranti
कोरा कागज और मेरे अहसास.....
कोरा कागज और मेरे अहसास.....
Santosh Soni
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
लोकतंत्र
लोकतंत्र
Sandeep Pande
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
मणिपुर कौन बचाए..??
मणिपुर कौन बचाए..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
सपने सारे टूट चुके हैं ।
सपने सारे टूट चुके हैं ।
Arvind trivedi
"रात यूं नहीं बड़ी है"
ज़ैद बलियावी
👺 #स्टूडियो_वाले_रणबांकुरों_की_शान_में...
👺 #स्टूडियो_वाले_रणबांकुरों_की_शान_में...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...