हैरान जनता
जनता को इस बार फिर बेवकूफ बनाया है
आना तुमको ही था, तो क्यों यह चुनाव कराया है।
कोरेना का पर्दा भारत पर लगाया है
उसके पीछे NRC और Economy को छुपाया है
नेताओं को भी खुलेआम बिकवाया है
लिफाफे में हरा सा कुछ रखआया है
बेचे किरदार नहीं चेहरों को बेच आए हो
शेरों को भी इस बार पिल्ले बनाए हो
जनता तो भेड़ चाल है तुम पीछे डंडा लगाए हो
हमारे ही घर में हमको कैदी बनाए हो
हवा छीन कर सास बेचोगे हमें
7 से 9 मैं क्या नाटक रचाए हो
16 महीने का नायक फिल्म बना है यहां
और खुद की फिल्म का टिकट खुद लोगों तक पहुंचाए हो
यह सब करके तुम खुद को गरीब दिखाओगे
बाहर के लोगों से लोन और ले आओगे
चौकीदार की सिटी पर कुर्सी-कुर्सी खेल रहे हो
ब्लूप्रिंट पहले ही बना लिया फिर क्यों जनता को पेल रहे हो
प्रत्याशी हो रहे बागी-बागी,दोनों और गिर रही हड्डियां सारी
किस पाले में जाए ये ,यह सोच सर खुजाये यह
अब जनता की है यह बारी सूचना जनहित में जारी
लोगों के बहकावे में ना आओ तुम, खुद mind चलाओ तुम ।
जनता को तो यह लड़आएंगे ,फिर बेवकूफ बनाएंगे
पार्टी-पार्टी कर-कर के यह नेता तो एक थाली में ही खाएंगे।
हर्ष मालवीय
बीकॉम कंप्यूटर सेकंड ईयर
शासकीय कला एवं वाणिज्य हमीदिया कॉलेज भोपाल