हैं हमारे गुरू
🌹शीर्षक 🌹
(हैं हमारे गुरू)
अर्चना,वंदना,साधना गुरु की,
हम करते हैं आराधना गुरु की।
ये हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू।।
जन्म से खेल की गुरू के गोद में,
किलकारी किए, इनकी आमोद में;
मुझे अच्छी लगी धारणा गुरु की।
ये हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू।।
कोरा कागज था मन ये मेरा एकदिन,
बीता बचपन न भूला है दिन प्रतिदिन;
जिंदगी में मिली पालना गुरु की।
ये हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू।।
ये सिखाए हैं सजना संवरना मुझे,
जो दिए पाठ उसको है पढ़ना मुझे;
भाग्य में थी मिली प्रेरणा गुरु की।
ये हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू।।
हम कुंभ हैं तो गुरु भी कुम्हार हैं,
खोट गढ़ि-गढ़ि किए दूर अवतार हैं;
भाव हृदय भरी भावना गुरु की।
ये हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू।।
गुरु से ही प्राप्त होती है भगवत्कृपा,
मुक्ति होगी जो होगी प्रभु की दया;
“रागी” सिख हों सफल कामना गुरु की।
ये हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू।।
🙏कवि 🙏
राधेश्याम “रागी”
कुशीनगर उत्तर प्रदेश
संपर्क सूत्र :
९४५०९८४९४१