हैं ये कितने चोर
सब्सिडी के नाम पर, नेता करते शोर।
जनता को बहला रहे, हैं ये कितने चोर।।
हैं ये कितने चोर, थमे ना इनकी बोली।
जाते हद के पार,खिलाते मीठी गोली।।
लोग गए हैं जान,करेंगे इन्हें फिसड्डी।
ले डुबेगी नाव, इनकी ये ही सब्सिडी।।
जटाशंकर”जटा”
२४-०१-२०२१