#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
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बेटी को पढ़ाओ साथ में निज की सुरक्षा करना सिखाओ….ताकि हमारी बहन – बेटियों के साथ कुछ अप्रत्याशित न घटे।
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हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण नहीं आने वाले।
रण चण्डी तू काली बनकर,
अतिचारी का नाश करो।
रक्तपान का समय है सम्मुख,
देखो मत उपवास करो।
अब इनकी कुण्डली खंगालो,
कृष्ण नहीं आने वाले।
हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण नहीं आने वाले।।
रण कौशल का देकर परिचय,
जो जैसा व्यवहार करो।
बहुत हो चुका अबला अबला,
सबला बन संहार करो।
निज से निज की लाज बचा लो,
कृष्ण नहीं आने वाले।
हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण नहीं आने वाले।।
अंग्रेजों को धूल चटाया,
बनकर झांसी की रानी।
जब भी शस्त्र उठाया तुमने,
विधर्मी मांगे पानी।
समय वही अब शस्त्र उठा लो,
कृष्ण नहीं आने वाले।
हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण नहीं आने वाले।।
व्यथित हृदय अन्तर्मन घायल,
कैसे चीर दिखायें हम।
सहनशीलता चरम बिन्दु पर,
क्यों कर धीर दिखायें हम।
चलो क्रांति के गीत ही गालो,
कृष्ण नहीं आने वाले।
हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण नहीं आने वाले।।
दूराचार के अनल में बोलो,
कबतक यूं जलना होगा?
भीष्म प्रतिज्ञा सा प्रण लें लो,
आज इन्हें ढलना होगा।
क्रोध अगन में इन्हें उबालो,
कृष्ण नहीं आने वाले।
हे कृष्णे! कृपाण सम्हालो, कृष्ण नहीं आने वाले।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’