Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2022 · 1 min read

हे शारदे मां ! साहित्य सृजन का वरदान दे ।( मां सरस्वती पूजन विशेष )

ना मुझे संपत्ति चाहिए ,
और न ही लोकप्रियता का अरमान ।
मुझे चाहिए हे मां शारदे !
तुमसे यह वरदान ।
मेरी कलम से निकली हुई हर रचना,
राष्ट्र प्रेम का गुणगान करे ।
मेरे देश के वीरों का सम्मान करे ।
मेरे किसान भाइयों का हौंसला बढ़ाए ,
मेरे देश के भटकी हुई युवा पीढ़ी को सन्मार्ग दिखाए ,
हर निर्धन ,बेबस और दुखी इंसान के आंसू पोंछे ,
किसी की सफलता और खुशी में मुस्कराए ।
और रूखे और पत्थर दिलों में प्रेम की गंगा बहाए ,
इतना सब कर सके मेरी लेखनी ,
तो खुद को धन्य समझूं ,
और ईश्वर का गुणगान करे ,
तेरा गुणगान करे प्रतिक्षण ,
जिसने यह सृजन क्षमता मेरे मन मस्तिष्क ,
में बसाई है ।
तो इस सम्पूर्ण जीवन को धन्य समझूं ।
मैं कुछ भी नही ,
सब कुछ तुम हो ।
मेरी कलम में ,
मेरी वाणी में ,
मेरी सृजन शीलता में तुम हो ।
तो मुझे यह वरदान दो ।
जिस उद्देश्य से ,
जिस पवित्र मंतव्य से ,
तुमने यह कला मुझे प्रदान की ,
उसका वास्तविक ध्येय पूर्ण हो ।
और इसी जन्म में ही नही ,
हर जन्म में यह कला ,
तेरे आशीर्वाद स्वरूप में मेरे साथ हो ।
मुझे यह वरदान दे हे शारदे मां !
मुझे साहित्य सृजन का वरदान दे ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
നല്ല നാളുകൾ.
നല്ല നാളുകൾ.
Heera S
आजा आजा रे कारी बदरिया
आजा आजा रे कारी बदरिया
Indu Singh
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
जीवन आसान नहीं है...
जीवन आसान नहीं है...
Ashish Morya
कितने बेबस
कितने बेबस
Dr fauzia Naseem shad
हवा चल रही
हवा चल रही
surenderpal vaidya
मोबाइल निगल गया
मोबाइल निगल गया
*प्रणय*
जिंदगी पेड़ जैसी है
जिंदगी पेड़ जैसी है
Surinder blackpen
कोई मुरव्वत नहीं
कोई मुरव्वत नहीं
Mamta Singh Devaa
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
एक कवि हूँ
एक कवि हूँ
Meera Thakur
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
Not only doctors but also cheater opens eyes.
Not only doctors but also cheater opens eyes.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इतनी खुबसुरत हो तुम
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
समय लिखेगा कभी किसी दिन तेरा भी इतिहास
समय लिखेगा कभी किसी दिन तेरा भी इतिहास
कुमार अविनाश 'केसर'
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
- अपनो के लिए जीना जीवन दुश्वार कर गया -
- अपनो के लिए जीना जीवन दुश्वार कर गया -
bharat gehlot
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
अयोध्या से अयोध्याधाम
अयोध्या से अयोध्याधाम
Sudhir srivastava
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्
अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्
Paras Nath Jha
3833.💐 *पूर्णिका* 💐
3833.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...