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20 Apr 2020 · 1 min read

हे वीर सैनिक तुमको नमन

सबकी अपनी अपनी ढपली,
अपना अपना राग।
किसी को सुहाता है सावन,
किसी को भाता फाग।
जब सब गाते कजरी-टप्पे,
वे गीत ओज के गाते हैं।
सीमा पर रहते मुस्तैद,
नहीं मौसम उन्हें डराते हैं।
वे रहते हैं सदा सजग,
कोई लगा न दे कभी आग।
न कोई उनको गर्मी,
न कोई उनको सर्दी।
न कोई उनकी इच्छा ,
न कोई उनकी मर्जी।
वे रहते हैं चौकन्ने,
खतरा होने पर गोली देते दाग।
जब मनाते सभी दिवाली,
वे खेलते खून की होली।
होता है वह वीर शहीद,
जिसको दुश्मन की लगती गोली।
पल भर में उसके घर में,
डेरा डाल देता दुहाग।
हे वीर बाहु तुमको नमन,
हे सुबाहु तुमको नमन।
देश की रक्षा को दिये प्राण,
हे बलिदानी तुमको नमन।
युद्ध में रत रहे अंत तक,
नहीं पीठ दिखा कर आये भाग।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 416 Views
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