हे वीर कन्या
तुम्हारा कर्ज है हम पर
कैसे कहो चुका ये पायें ,
एक नाम सम्मान सहित
काश अगर हम दे पायें ,
एक शाम तेरे नाम ही कर दें,
वन्दे मातरम फिर हम गायें ,
कहाँ हो तुम आवाज लगायें
सोती सरकारों को जगाएं ,
करें कहीं पाठ्क्रमों शामिल ,
आओ एक नई मुहिम चलायें ,
कोई माँ, बेटी, पत्नी भाभी ,
फिर भी अपनी जान गँवा दी ,
इस देश की खातिर तुमने
स्त्री की मर्यादाएं भी त्यागी
लाल गोद अवोध लिए कोई
गर्भ पालती थी रण में भी
तुम्हें सलामी हे वीर बालाओं ,
इस पटल पर दे हम पायें