*हे मोहन घनश्याम 【भक्ति गीत】*
हे मोहन घनश्याम 【भक्ति गीत】
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हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा हे मोहन घनश्याम
(1)
हम में भर दो बल ,दुर्जन से विजय प्राप्त कर पाएँ
हमें बना दो सबल कृष्ण ! ,दुष्टों को मजा चखाएँ
लिए सुदर्शन – चक्र तुम्हारा , बढ़ें सदा अविराम
हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा हे मोहन घनश्याम
(2)
जीवन में गति और ताल लय सुर मधुरिम छा जाए
कृष्ण ! तुम्हारी बाँसुरिया का स्वर हम में आ जाए
जब भी मूँदें नयन ,तुम्हारा पाएँ गोकुल – धाम
हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा हे मोहन घनश्याम
(3)
जीवन – रण में कर्तव्यों की सदा राह दिखलाना
जो उपदेश दिया अर्जुन को ,हमको भी सिखलाना
कभी न भूलें हम गीता का सतत कर्म अभिराम
हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा हे मोहन घनश्याम
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451