हे मातृभूमि प्रणाम!
फुसक घर, खरही के टाट
खपरैल घर, अँगना कात
भनसा घर, माटिक चुल्हा
राखल डिबिया, ओ लेबल लोहिया…
पाछू बारी, आगू फुलवारी,
फरकी स घेरल, पोखरी कात
चललै बचपन ल क हाथ
काठक सिलेट, ओ पोतना साथ…
अप्पन स्कुल, सतत जय गान
जय जय भैरवि, दुर्गास्थान
कुमारी पोखैर, पाकड़िक गाछ
एखनो तक अछि,ओ सब किछु याद…
अपन अभिमान, कपिलेश्वर स्थान
कहाबै मिथिला के, बाबा धाम
खांटी मैथिल, मिथिला के प्राण
जिला मधुबनी, ककरौल ग्राम
भेलहु प्रवासी, छूटल गाम
मातृभूमि सन नहि, कोनो ठाम
करी प्रार्थना, जपी हरि नाम
मातृभूमि पर छुटय प्राण
स्वर्ग स सुन्दर, अप्पन गाम
पावन नगरी, मिथिला धाम
धिया जानकी, पाहुन प्रभु राम
कर जोड़ि विनती, करी प्रणाम
मातृभूमि सन नहि, कोनो ठाम…
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