हे भारत के हिन्दू सुन लो
हे भारत के हिंदू सुन लो
जो भी चुनना आज ही चुन लो
नही समय अब शेष है…
एक ग्रंथ की वाणी सुन लो
गीता चाहे कुरान चुन लो
बदल गया परिवेश है…
सिख जैन ईसाई सुन लो
बुर्का या फिर साड़ी चुन लो
कटनी गर्दन केश है…
ब्राह्मण ठाकुर नाई सुन लो
जाति छोड़ धर्म को चुन लो
बचना नही कोई शेष है…
यादव जाटव भाई सुन लो
मौलाना या योगी को चुन लो
पार्टी दो ही विशेष है….
हे मतबाले हिंदू सुन लो
अपना एक राष्ट्र भी चुन लो
बचा ही भारत देश है…
© दुष्यंत ‘बाबा’
मुरादाबाद।