हे बुद्ध
हे वुद्ध जगाया दीप तुमने आत्मा का
किया कल्याण तत्कालीन समाज का
सच कहो खुद में झाँका कभी खुद को
क्या विचार आया था यशोधरा का
देते रहे उपदेश तुम दर ब दर
बनाये भिक्षु ज्ञान दीप जगाकर
दोष क्याथा अवोध शिशू का
कर दिया अनाथ पिता होकर
चलो फिर से सत्कार करते हैं
झूठे अहम को विद्वान कहते है
नारी ही तो है यशोधरा
नए ढंग से तिरष्कार करते हैं
नहीं आम्रपाली भी हुई इस युग में
सुजाता की खीर भी खाई कभी वुद्ध ने
चलो नारी को हमेशा भूल जाते है
वुद्ध जयंती मना रहे हैं आज सब जग में
अंत में कुछ प्रश्न
आम्रपाली का जन्मदिन कब है ?
सुजाता का निर्वाण दिन कब है ?
अज्ञात शत्रु जानते है सभी
मेरे प्रश्नों के उत्तर का दिन कब है ?
डा प्रतिभा प्रकाश
10 05 2017