हे प्रभु ! (प्रार्थना)
हे प्रभु! (प्रार्थना गीत)
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हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान…..
जिससे, आ सके हम देश के काम;
हमें ना कभी, किसी शत्रु का डर हो;
हमारे लिए, सच्चाई की ही डगर हो;
लोभ-लालच कभी,हममें दिखे नहीं,
कोई गलत, हमारे सामने टिके नही।
हे प्रभु! हमको दिजिए, ऐसा ज्ञान…..
कि हम भी बने , एक मानव महान;
बुराई से तो, सदा हम भी दूर ही रहें;
सारा जग भी हमें,सदाचारी ही कहें;
आलस कभी , हममें दिखे भी नहीं,
हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान……
सदा आगे बढ़े, कदम भी रूके नही;
ईर्ष्या द्वेष हममें, कभी भी दिखे नहीं;
हम आपस में,किसी से भी लड़े नहीं;
हममें सदा, देशभक्ति की भावना रहे;
हम भी,देश की रक्षा हेतु हर कष्ट सहें।
हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान…….
……… ??
स्वरचित सह मौलिक
…….✍️पंकज”कर्ण”
…………कटिहार।।