हे प्रभु! तुमने यह क्या कर डाला ?
जेहादियों से तो बच गए,
परंतु प्राकृतिक आपदा ने मार डाला ।
तुम्हारे ही न्योते पर गए थे तुम्हारे दर्शन करने को ,
प्रभु ! तुमने यह क्या कर डाला?
ना जाने क्या त्रुटि हुई ,क्या अपराध हमसे हो गया,
जो तुमने हमें अपने दर्शनों से वंचित कर डाला।
बड़ी उम्मीद लेकर आए थे तुमसे ,
मगर तुमने हमारी हर आशा पर पानी फेर डाला।
तुम क्या नहीं जानते इस यात्रा हेतु ,
हमने अपना क्या क्या बेच डाला।
दिल तोड़ने के साथ साथ तुमने हे प्रभु !
हमारी सांसों की डोर को भी तोड़ डाला।