हे ! नंद गोपाल
हे ! नंद गोपाल….
सबको है तुम्हारा इंतज़ार
इस इंतज़ार में बेकरारी है
इस बेकरारी में करनी सब तैयारी है
इस तैयारी में मनोकामना सारी है
इस कामना में पहले अपनों की बारी है
इस बारी में छोटे से बड़ों की कतारी है
इस कतारी में उम्मीद सब पर भारी है
इस उम्मीद पर शीतल बयारी है
इस शीतल बयारी में प्रभु आशीर्वाद दो
मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दो
तुम वरदान दोगें
यह सब जानते हैं
यह सब मानते हैं
यह सब सकारते हैं
क्योंकि हे ! अच्युत प्रभु
तुम्हारी गति न्यारी है
तुम्हारी गति न्यारी है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 29/08/2021 )