Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2021 · 1 min read

हे ! नंद गोपाल

हे ! नंद गोपाल….
सबको है तुम्हारा इंतज़ार
इस इंतज़ार में बेकरारी है
इस बेकरारी में करनी सब तैयारी है
इस तैयारी में मनोकामना सारी है
इस कामना में पहले अपनों की बारी है
इस बारी में छोटे से बड़ों की कतारी है
इस कतारी में उम्मीद सब पर भारी है
इस उम्मीद पर शीतल बयारी है
इस शीतल बयारी में प्रभु आशीर्वाद दो
मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दो
तुम वरदान दोगें
यह सब जानते हैं
यह सब मानते हैं
यह सब सकारते हैं
क्योंकि हे ! अच्युत प्रभु
तुम्हारी गति न्यारी है
तुम्हारी गति न्यारी है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 29/08/2021 )

Language: Hindi
247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
"वक्त के पाँव"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
संघर्षों की
संघर्षों की
Vaishaligoel
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
बदल सकता हूँ मैं......
बदल सकता हूँ मैं......
दीपक श्रीवास्तव
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
पं अंजू पांडेय अश्रु
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
SHAMA PARVEEN
4431.*पूर्णिका*
4431.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
😊■रोज़गार■😊
😊■रोज़गार■😊
*प्रणय*
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
Dr fauzia Naseem shad
देश चलता नहीं,
देश चलता नहीं,
नेताम आर सी
कोई तो मेरा अपना होता
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं सत्य सनातन का साक्षी
मैं सत्य सनातन का साक्षी
Mohan Pandey
सच और झूँठ
सच और झूँठ
विजय कुमार अग्रवाल
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
Phool gufran
दीवाली विशेष कविता
दीवाली विशेष कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
****हर पल मरते रोज़ हैं****
****हर पल मरते रोज़ हैं****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Dr. Rajeev Jain
बाबूजी
बाबूजी
Shashi Mahajan
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
मन के मनके फोड़ा कर...!!
मन के मनके फोड़ा कर...!!
पंकज परिंदा
लोकतंत्र
लोकतंत्र
करन ''केसरा''
हर दिल खूबसूरत है
हर दिल खूबसूरत है
Surinder blackpen
Loading...