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17 Jan 2024 · 1 min read

हे दिल तू मत कर प्यार किसी से

हे दिल, तू मत कर प्यार किसी से।
हे दिल, तू मत लगा दिल किसी से।।
हे दिल——————————।।

जिससे किया तूने प्यार यहाँ पर।
उससे मिला है, क्या तुमको।।
प्यार में उसने तुमको लूटा।
उसने किया है, बदनाम तुमको।।
फिर भी तू , करता है तारीफ।
इतने शातिर इस दिल की।।
हे दिल———————-।।

बात तेरी ये, क्या समझेंगे।
मतलब है इनको धन से।।
खेलते हैं ये तो दिलों से।
ये क्या जुड़ेंगे तुमसे मन से।।
होता है तू फिर क्यों बर्बाद।
चलकर इनकी राह पर तू।।
हे दिल———————।।

करता है क्यों कैद खुद को तू।
इनके रूपजाल में फंसकर।।
तू मत गुजार पूरा जीवन।
इनके प्रेम मोह में बंधकर।।
अपने लिए ही सीख तू जीना।
मत कर गुलामी इन हुर्रों की।।
हे दिल——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
157 Views
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