हे दामन में दाग जिनके
हे दामन में दाग जिनके
वो दूसरों में दाग ढूढते है।
हो रहा आँखों के सामने,
बुरा कितना भी
वो देख सब आँखे मुन्दते है।
हे ही क्या दोष इसमें अपना,
यह मानकर
अपना पल्ला बार -बार झाडते है।
अगर जुडा हो मसला खुद से तो
दूसरों को बुरी नजर से ताडते है।
कि नही किसी ने मदद अपनी
बार-बार यही कह कर, सब को कोषते है।