हे जन जन के राम
हे जन जन के राम
पावन तुम्हारा नाम
हे राम! नयनाभिराम
तुम्हें कोटिस प्रणाम ।।
प्रतिरूप आदर्श के
पुरुषोत्तम नर श्रेष्ठ
धरा पर अवतार ले
विराजे अयोध्या धाम।। हे..
सुख-दु:ख में सम-भाव
शरणागत पर दयाभाव,
ऐसे प्रभु राम को
मन भजे आठोयाम ।।हे..
जीवन के हर पथ का
मर्म समझा दिया
रिश्तों की मधुर परिभाषा
और कर्म निष्काम ।।हे…
सहज सुलभ सर्वप्रिय
संस्थापक रामराज्य के
तव चरण वन्दन! जय हे
जय राम, जय जय राम।। हे..
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?? डा. यशवन्त सिंह राठौड़