हे जननी पावक दिय नै बांधि (भगवती गीत)
हे जननी पावक दिय नै बांधि
गंगा सन,
निर्मल धार,
से हो नै बुझाएत आगि,
जननी से हो नै बुझाएत आगि,
हे जननी पावक दिय नै बांधि।१
हम नर पापी,
नरकक गामी,
तूही बचा ले,माँ आबि,
जननी तू ही बचा ले माँ आबि,
हे जननी पावक दिय नै बांधि। २
भेल अपराध,
हमरा सों जननी,
माय भेली उदास ,
जननी माय भेली उदास
हे जननी पावक दिय नै बांधि।।३
चित चंचल,
वाणी उत्श्रृखल,
क्षमा करु, हे माँ कालि,
जननी क्षमा करु हे माँ कालि
हे जननी पावक दिय नै बांधि। 4
माय कृपा सों,
धिया नेहब,
बीच नै बना दिहें आरि,
जननी बीच नै बना दिहें आरि,
हे जननी पावक दिय नै बांधि। 5
करब सिंगार,
तोहर घृत-सिन्दूर,
तेज्य नै दिहें तू जानि,
जननी तेज्य नै दिहें तू जानि,
हे जननी पावक दिय नै बांधि । 6
हे जननी पावक दिय नै बांधि
उमा झा