—-सरस्वती वंदना ——-
**सरस्वती वंदना**
है जगरानी है वरदानी ,करो करो उपकार करो।
अज्ञान मिटा दो सारा मेरा,ज्ञान का भंडार भरो।
*दया करो मां दया करो,झोली खाली मेरी भरो *।।
(१)शरण में तेरी आकर सबने,
अपना शीश झुकाया है।
जो भी मांगा दिया आपने,
प्यार अपार लुटाया है।।
मै भी आया,लाया मुरादे,
चाहत मेरी पूरी करो।।
दया करो मां दया करो झोली खाली मेरी भरो।।
(२) मूरख हूं अज्ञानी बालक
रक्षक मेरी बन जावों।
तम मिट जाए,मन से मेरे,
धन बस यह तो दे ज़ावो।।
न ही भटकूं,न मै अटकुं, कामना यह पूरी करो।।
*दया करो मां दया करो,झोली खाली मेरी भरो।।
राजेश व्यास अनुनय
“””बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं”””