Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2022 · 2 min read

हे ईश्वर!

हे ईश्वर!इतना भी दर्द न दो
कि हमें सहना मुश्किल हो जाए
और हम तुम्हारे सामने घुटनों के
बल बैठना ही भुल जाएँ।

माना कि तुम हो अन्तर्यामी
और मैं हूँ इस धरती का अज्ञानी ।
तुम्हारी परीक्षा लेने की फितरत है
और हमें परीक्षा देने की आदत।

तुम जो भी करते हो
सोच-समझ कर करते हो,
और मै नादान कहाँ तेरी
हर खेल समझ पाती हूँ।

इसीलिए तो कोई भी समस्या
का हल निकालने के लिए ,
तेरे पास दौड़ी -दौड़ी चली आती हूँ।
तुझसे मदद की गुहार लगाती हूँ।

मुझे पता है कि यह समस्या भी
तेरा ही भेजा हुआ है।
इसलिए तुम ही से इस समस्या,
के समाधान के लिए अर्ज लगाती हूँ।

तेरे चरणो में घुटने के बल बैठकर ,
तेरे आगे हर समय मैं झोली फैलाती हूँ।
मुझे जो तुमने दिया उसकी शिकायत
न है मुझे।

मुझे शिकायत है इस बात से कि
आज जब इन्सान, इन्सान का खून
बहा रहा है।
कही युद्ध तो कही दंगा छिड़ते जा रहा है।
कहीं धर्म के नाम पर भाई-भाई में
महाभारत छिड़ते जा रहा है।

यह सब देखकर भी तुम क्यों मौन साध रखे हो।
क्यों उन सब को एक-दूसरे का खून बहाने दे रहे हो।
क्यों न तुम आकर बता रहे हो ,
कि सब तुम्हारा ही रुप है।

इस धरती के हर एक कण में तुम रहते हो।
क्यों नही एकबार धरती आकर
हमलोगों को समझाते हो।
क्यों न तुम आकर डाँट लगाते हो ,

क्यों न आकर कहते हो कि,
जाति,मजहब, धर्म के नाम पर न लड़ों,
क्यों इंसान को हैवान बनने दे रहे हो,
क्यों न इन सब को रोक रहे हो।
आज जब बेगुनाहो का खून
बह रहा है।

जब स्त्रियों का शोषण हो रहा हैं,
इनका चीरहरण हो रहा है।
कई बच्चे अनाथ हो गये हैं,
कई भुख से तड़प रहे हैं।
यह सब देखकर भी तुम
क्यों नही आ रहे हो,

मेरी यह विनती है ईश्वर,
हम लोगो के विश्वास को
डगमगाने से पहले और
इंसान को हैवान बनने से पहले
तुम इस धरती पर अवतार लेकर
हम सब को बचा लो।

हम सब को तुम अपना रूप दिखा दो
हम सब का विश्वास तुम पर बना रहे
और तुम्हारा डर हम सबको लगा रहे।
ऐसा कुछ तो चमत्कार करो हे ईश्वर!

~अनामिका

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 1108 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
Neeraj Agarwal
आ जाओ
आ जाओ
हिमांशु Kulshrestha
निशाना
निशाना
अखिलेश 'अखिल'
"बातों से पहचान"
Yogendra Chaturwedi
बहुत चाहा हमने कि
बहुत चाहा हमने कि
gurudeenverma198
The Sky...
The Sky...
Divakriti
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इशरत हिदायत ख़ान
ग़ज़ल _ दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
ग़ज़ल _ दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
Neelofar Khan
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
गाय
गाय
Vedha Singh
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बताओ नव जागरण हुआ कि नहीं?
बताओ नव जागरण हुआ कि नहीं?
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
अगर आप
अगर आप
Dr fauzia Naseem shad
राज्यतिलक तैयारी
राज्यतिलक तैयारी
Neeraj Mishra " नीर "
मन की बात न कहें, तो मन नहीं मानता
मन की बात न कहें, तो मन नहीं मानता
Meera Thakur
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
4336.*पूर्णिका*
4336.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गणपति बैठो जन के मन में
गणपति बैठो जन के मन में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समय
समय
नूरफातिमा खातून नूरी
वीर दुर्गादास राठौड़
वीर दुर्गादास राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अगर प्रेम में दर्द है तो
अगर प्रेम में दर्द है तो
Sonam Puneet Dubey
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
दीपक और दिया
दीपक और दिया
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रोते हुए को हॅंसाया जाय
रोते हुए को हॅंसाया जाय
Mahetaru madhukar
"अनन्त "
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
Rj Anand Prajapati
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...