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26 Oct 2022 · 1 min read

हे आँधी तेज

हे आँधी तेज
कौन डरता है
थोडा मुझे झुक जाने दें।

शीना ताने वो खडा है
हे दम अगर उसमें
थोडा उसे सामने आने दें।

हे हवा का रूख तेज
जो झुका नही
सीधा जड से उखाड लाने दें।

प्यार के आगे
सारा जहा झुकता है
थोडा प्यार का
अहसास मुझे भी हो जाने दें।

“”” * जल और पर्वत *”””

हे पानी की निर्मल धारा
हूँ कठोर कितना
थोडा टूटकर,
मुझे भी उसके साथ बह जाने दें।

प्यार के आगे,
अभिमान कहा टिकता है
थोडा प्यार मुझे भी पाने दें।

हे कहा अभिमान मुझमें
थोडा प्यार में, मुझे भी डूब जाने दें।

अब कहा है अभिमान मुझमें
थोडा मुझे भी, झुक जाने दें।

“””” * नदी और जल * “”””

जो झुका है पहले ही
उसे ओर झुक जाने दें।
हे इतना दम मुझमें
उसे बहा के
दूसरे छोर पर ले जाने दें।

हे नही अभिमन मुझमें
थोडा मुझे भी, झुक जाने दें।
हे ही क्या अपने पास
थोडा समेट लाने दें।

बिखरा हे जो
उसे दूसरों के पास पहुँचाने दें।
हे क्या वजूद अपना
मुझें दूसरों को दिखाने दें।

हे कहा अभिमान खुद में
थोडा मुझे झुक जाने दें।…
*** ** *** ** ***

Language: Hindi
200 Views
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