हेमा’ से स्वर कोकिला तक का सफर————-
विनम्र श्रद्धांजलि : स्वर कोकिला
हेमा’ से स्वर कोकिला तक का सफर————-
बीते करीब छह दशक से सुरीली आवाज का पर्याय बनीं लता मंगेशकर ने 30 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी. उनकी आवाज के कायल भारत ही नहीं देश के बाहर भी रहें. एकमात्र शख्सियत जिनके जीते-जी उनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते थे, आज उनका जाना सबको झकझोर गया है. कहते हैं कि जिसने भी उनकी आवाज सुनी, सबने अपने पास उनका कोई किस्सा संजोए रखा.सबसे ज्यादा रिकॉर्ड की जाने वाली आर्टिस्ट का गिनीज रिकॉर्ड भी एक वक्त पर लता मंगेश्कर के नाम था. उनके गाने ‘वादा ना तोड़’ को हॉलीवुड फिल्म ‘एटरनल सनशाइन ऑफ स्पॉटलेस माइंड’ में शामिल किया गया था. कहते हैं कि राज कपूर अपनी फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में लता मंगेशकर को कास्ट करना चाहते थे.
लता जी का नाम पहले ‘हेमा’ था लेकिन उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर के एक नाटक ‘भावबंधन’ की एक कैरेक्टर लतिका से प्रभावित होकर उनका नाम लता कर दिया. लता मंगेशकर का म्यूजिक करियर 13 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद शुरू हुआ था.
लता मंगेशकर ने एक बार कहा था कि वो अपनी आखिरी सांस तक गाती रहेंगी. आज लता मंगेशकर के अलविदा कहने के बाद भी उनकी आवाज हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी.
———रवि सिंह भारती———-
Email- rk160163@gmail.com