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4 Oct 2023 · 1 min read

हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के

हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
नमी तक आखों में न पहुंचे किसी के
कर्मों को अपने संतुलित इतना रखिए
जीवन में दुख भी न पहुंचे किसी के

इंजी. संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश

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