हूं मैं कहां…
मैं रहती हूं,
पर हूं कहाँ।
मैं सहती हूँ,
पर हूं कहाँ।
मैं डरती हूं,
पर हूं कहाँ।
मैं मरती हूं,
पर हूं कहाँ।
मैं लड़की हूं,
मैं हूँ यहाँ। मेरी एक साँस से पहले,
मारी जाती हूँ।
कौन कहता है,
लड़का ही नाम करेगा। मैं हूँ एक इंसान,
पर क्यूं समझे शैतान,
क्या लड़का है भगवान।
फिर मैं हूँ कहाँ,
मैं भी तो हूं यहाँ।