हुस्न की नुमाईश मत कर मेरे सामने,
हुस्न की नुमाईश मत कर मेरे सामने,
जिस्म का भूखा हुआ आशिक नही मै,
इतना मजबूर हूँ कि दो वक़्त की भी जुगाड नहीं,
इतना खुद्दार हूँ कि जिस्म को नहीं बिकने दूँ।
रचनाकार
बुद्ध प्रकाश
मोदहा हमीरपुर।
हुस्न की नुमाईश मत कर मेरे सामने,
जिस्म का भूखा हुआ आशिक नही मै,
इतना मजबूर हूँ कि दो वक़्त की भी जुगाड नहीं,
इतना खुद्दार हूँ कि जिस्म को नहीं बिकने दूँ।
रचनाकार
बुद्ध प्रकाश
मोदहा हमीरपुर।