“हुस्न का बाजार”
रूह को जख्मी किया इस कदर,
शरीर पर एक घाव नहीं दिखता।
फरियाद करू तो किस से कर करू जनाब,
ये हुस्न का बाजार है यहां जज्बात नहीं बिकता।
रूह को जख्मी किया इस कदर,
शरीर पर एक घाव नहीं दिखता।
फरियाद करू तो किस से कर करू जनाब,
ये हुस्न का बाजार है यहां जज्बात नहीं बिकता।