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8 Nov 2016 · 1 min read

हुसन तेरा जालिम/मंदीपसाई

हुसन तेरा जालिम मुझ पर कहर बरसाये,
चाल तेरी मस्तानी मेरे दिल में आग लगाये।

हुसन की मलिका हो या कोई अप्सरा,
देख तेरे हुसन को ये चाँदनी भी सर्मा जाये।

आँखे तेरी झील सी गहरी,
कमर पर केस लम्बे जैसे नागिन बलखाये।

चाल ऐसी की कोई लरजती टहनी,
हवा का जोका भी तुम को छुना चाहे।

करता फ़रयाद “मंदीप” तुम को पाने की,
देखो आँखे में उसके तुम को प्यार ही नजर आये।

मंदीपसाई

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