हुनर जांबाज दे जाना
एक ग़ज़ल
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विरासत में उड़ानों का मुझे हर राज दे जाना।
अधूरे ख्वाब जो छूटे वही सब आज दे जाना।।
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समय की चाल से आगे भला जाता कहाँ कोई।
समय के साथ चलने की मुझे परवाज दे जाना।।
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नहीं दौलत मुझे होना रखी जो है तिजोरी में।
रखूँ ऊँचे विचारों को सही अंदाज दे जाना।।
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बुजुर्गों ने बनाए जो नियम उत्थान पीढ़ी के।
दुआ के साथ ही उत्थान के ये काज दे जाना।।
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चहेता बन रहूँ दिल में सभी के जीत कर दिल को,
दिलों को जीतने वाले मुझे अल्फाज दे जाना।।
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सुनो हे जन्म के दाता कपे गर लफ़्ज ये मेरे।
मेरे कपते हुए हर लफ़्ज को आवाज दे जाना।।
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रखूँ जिंदा जमाने में हजारों साल तक #जय को,
सफल होने सबर औ इक हुनर जांबाज दे जाना।।
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संतोष बरमैया #जय