Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2020 · 1 min read

हुई महंगी मुबारकबाद

हुई महंगी मुबारकबाद

***

हुई महंगी बहुत ही मुबारकबाद,
के सोच समझ कर दिया करो,
देना हो जरूरी,तो रखना हिसाब,
हर घड़ी हर शख्स को न दिया करो..!!

कुछ पाने का दौर या कोई खुशी,
हौसला बढ़ाती है ये मुबारकबाद,
इसलिए ही ये मशवरा है जनाब,
के सूरत सीरत देख दिया करो,..!!

लायक को बधाई का देना क्या,
नालायक का इस से लेना क्या,
जला दिया करती है मुबारकबाद,
के कभी कभी तुम दिया करो..!!

मुबारकबाद में बहुत बड़ा नशा,
बातों में नशा, जज्बातों में नशा,
शराब से बढ़कर इसका शबाब,
के संभल संभल कर दिया करो..!!

हुई महंगी बहुत ही मुबारकबाद,
सोच समझ कर अब दिया करो,
देना हो जरूरी,तो रखना हिसाब,
हर घड़ी, हर शख्स, न दिया करो..!!

***

स्वरचित : डी के निवातिया

Language: Hindi
274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डी. के. निवातिया
View all
You may also like:
3865.💐 *पूर्णिका* 💐
3865.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अंत में कुछ नहीं बचता है..हम हँस नहीं पाते हैं
अंत में कुछ नहीं बचता है..हम हँस नहीं पाते हैं
पूर्वार्थ
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सूर्य तम दलकर रहेगा...
सूर्य तम दलकर रहेगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दिल में कोई कसक-सी
दिल में कोई कसक-सी
Dr. Sunita Singh
कभी कभी हमारे पास
कभी कभी हमारे पास
हिमांशु Kulshrestha
* सड़ जी नेता हुए *
* सड़ जी नेता हुए *
Mukta Rashmi
वजह बन
वजह बन
Mahetaru madhukar
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
नया विज्ञापन
नया विज्ञापन
Otteri Selvakumar
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
"" *रिश्ते* ""
सुनीलानंद महंत
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
किसान
किसान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
परवरिश
परवरिश
Shashi Mahajan
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
Suryakant Dwivedi
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
जी आजाद इस लोकतंत्र में
जी आजाद इस लोकतंत्र में
gurudeenverma198
“अग्निपथ आर्मी के अग्निवीर सिपाही ”
“अग्निपथ आर्मी के अग्निवीर सिपाही ”
DrLakshman Jha Parimal
कुछ न जाता सन्त का,
कुछ न जाता सन्त का,
sushil sarna
"कैसे कह दें"
Dr. Kishan tandon kranti
जो कभी थी नहीं वो शान लिए बैठे हैं।
जो कभी थी नहीं वो शान लिए बैठे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...