हुई जीत विश्वास की
भारत पुत्र हुआ है विजयी
सारे शत्रु हुए हैं आहत।
जीत सदा सत्य की होती
आज हुआ यह सच साबित।
सद्सेवा में मग्न सत्पुरुष
बना शत्रु की आँख का कांटा।
सत्य से टक्कर लेने वाले
आज उठा वो रहे हैं घाटा।
मान प्रतिष्ठा धूल हुई सब
दुष्टों की आ गयी शामत।
जीत सदा ही सत्य की होती
आज हुआ यह सच साबित।
कर्मठ भारत के सपूत का
तन मन जीवन है अर्पण।
निज स्वार्थों की तिलांजलि दे
परोपकार करता हर क्षण।
आज विरोधी छिपा रहे मुख
जनता करे उन पर लानत।
जीत सदा सत्य की होती
आज हुआ यह सच साबित।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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