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15 Mar 2023 · 1 min read

हुआ बुद्ध धम्म उजागर ।

बुद्ध है बहती नदिया,
धम्म है उनका सागर जी,
जहांँ जहांँ पड़े बुद्ध के कदम
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ही,

बोलो बुद्धम सरणं गच्छामि,
धम्मम् सरणं गच्छामि।

धम्म का ज्ञान जहांँ बरसा,
अमृत सी उपदेशों की हुई चर्चा,
तहाँ-तहाँ जन्मे बुद्ध विहार भी,
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ही,

बोलो बुद्धम सरणं गच्छामि,
धम्मम् सरणं गच्छामि।

बुद्ध राह में बढ़ते गये,
जन-जन का दुःख हरते गये,
धम्म बीज वह बोते रहे ,
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ही,

बोलो बुद्धम सरणं गच्छामि,
धम्मम् सरणं गच्छामि।

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

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