Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2024 · 1 min read

हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा

(1)
जमाना इक्कीसवीं सदी तक का
आधुनिक हो चला

गलीज परम्पराओं से हिसाब बिठाकर
कबतक चलते रहोगे हिसाबियो!
आओ!
अब तो हो जाए
हिसाब किताब बराबर!

(2)

हिसाब
टटका टटका हो सकता है
और बासी भी
और साहित्य टटका रचा होकर भी
हो सकता है
बासी ही

हर बासी का
हम दलित लेखक
टटका हिसाब करने में
यकीन रखते हैं।

(3)

आपके पास आया कवि
हिसाब के साथ प्रस्तुत हो सकता है
और नहीं भी
जबकि
श्रोता का हिसाबी होना
लाजिमी है।

(4)

कवि तुम हो कि मैं

तुम्हें अपनी रचना में
दलित को बरतने नहीं आता
हमें तुम्हारे हिसाब की
कविता बनाने नहीं आता।

(5)

हिसाब बिना प्रश्न लिए भी होते हैं
और बिना उत्तर करने के भी।

(6)

जीतन मांझी से आभाधारित
दो हालिया हिसाब
उद्भूत हुए

छुआछूत की ‘रस्म’ अब भी
दलितों पर तारी है
और विदेशी मूल का भूत सताता
द्विज ब्राह्मणवादियों पर पक्का भारी है।

(7)

कहते हैं
किसी रचना का मूल्य आंकते
गणितीय हिसाबदारी
नहीं चल सकती

मगर
दलित रचनांकन तो
पाई पाई का हिसाब
जोहता है।

(8)

आपके पास
किसी के लिए
जितनी संचित है घृणा
है उतना ही प्रेम भी अगर
हिसाब तो लगाइए
बेहिसाबी में
किसका मोल कैसा है
और है तौल कैसा!

(9)

जहाँ
दो और दो
चार नहीं होता है ।
वहां अक्सर मुनाफे का बेहिसाब
सौदा होता है।

गो कि
बेहिसाब का भी
अपना एक हिसाब होता है!

84 Views
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

-शेखर सिंह ✍️
-शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
Shweta Soni
अवध में दीप जलायेंगे
अवध में दीप जलायेंगे
Kavita Chouhan
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
दोहा पंचक. . . . . मेघ
दोहा पंचक. . . . . मेघ
sushil sarna
दीपावली का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय पक्ष
दीपावली का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय पक्ष
इंजी. संजय श्रीवास्तव
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सांसों के सितार पर
सांसों के सितार पर
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सर्पीली सड़क
सर्पीली सड़क
अरशद रसूल बदायूंनी
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
माँ सरस्वती प्रार्थना
माँ सरस्वती प्रार्थना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
জয় শিবের জয়
জয় শিবের জয়
Arghyadeep Chakraborty
खुदा का नाम बदनाम कर दिया ...
खुदा का नाम बदनाम कर दिया ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
मैं उड़ना चाहती हूं।
मैं उड़ना चाहती हूं।
Kanchan Alok Malu
ग़ज़ल
ग़ज़ल
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
बेडी परतंत्रता की 🙏
बेडी परतंत्रता की 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
Seema Garg
समझौता
समझौता
Shyam Sundar Subramanian
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
रात नहीं सपने बदलते हैं,
रात नहीं सपने बदलते हैं,
Ranjeet kumar patre
वक़्त
वक़्त
shreyash Sariwan
4075.💐 *पूर्णिका* 💐
4075.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
"आतिशी" का "अनशन" हुआ कामयाब। घर तक पहुंचा भरपूर पानी।
*प्रणय*
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...