हिलोरे लेता है
हिलोरे लेता है
ग़म का समंदर मेरे भीतर
कचोट रहे हैं
तेरी यादों के खंजर मेरे भीतर
भूल कर सब कुछ
महज़ एक ख़ामोश झील सा
हो गया हूँ मैं
मत फ़ेंक
अपनी याद के कंकर मेरे भीतर
बसा हुआ था एक
मोहब्बत का शहर मेरे भीतर
बेरुखी से तेरी आग की
जल गया है वो मेरे भीतर
हिमांशु Kulshrestha