हिमालय
रूप घनाक्षरी
हिमालय
बाधाओं का पथ रोके, अटल अडिग होके,
आंधियों के तेज झोंके, भागताहै रिपु रोके।
हरियाली खूब देता ,बादल भी खूब लाता,
धौलाधार चोटी लिए, रहता है खुश होके ।
झरने हैं तन धोते,पखारे पांव नदियां,
हरियाली वादियों में ,जीव रहे खुश होके ।
रिपु दल पर भारी ,बाहुबल- बल भारी,
भालू चूमे गगन का, नहीं देता कभी मौके।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)