हिन्दी सबको प्यारी होगी
हिन्दी सबको प्यारी होगी।
इसकी छवि उजियारी होगी।
ना कोई लाचारी होगी।
अब न यह बेचारी होगी।
ना कोई रँगदारी होगी।
मर्दुमरायशुमारी होगी।
खड़ी फौज सरकारी होगी।
भाषा अब दरबारी होगी।
अंग्रेजी पर भारी होगी।
फिर भी यह हितकारी होगी।
जब तक ना खुददारी होगी।
जब तक ना तैयारी होगी।
हिन्दी से न यारी होगी।
आर-पार की पारी होगी।
संसद में किलकारी होगी।
प्रतिनिधियों की बारी होगी।
तब ही जीत हमारी होगी।
जीत हमारी न्यारी होगी।
कुलकिरीट मणिधारी होगी।
हिन्दी की बलिहारी होगी।
राजपत्र में जारी होगी।
तब होरी दीवारी होगी।
हिन्दी सबको प्यारी होगी।
इसकी छवि उजियारी होगी।