हिन्दी नववर्ष एवं नवरात्रि
आज कोई कविता नहीं लिखी
सिर्फ शुभकामनायें एवं बधाई देता हूँ।
नववर्ष में नई किरण की,
रौशनाई देता हूँ।
ग़म कष्टों को दूर भगाकर
खुशियों की सगाई देता हूँ।
जय श्री राम कहकर अभिनन्दन,
और साथ ही विदाई देता हूँ।।
आज कोई कविता नहीं लिखी
सिर्फ शुभकामनायें एवं बधाई देता हूँ।
नववर्ष में नई किरण की,
रौशनाई देता हूँ।
ग़म कष्टों को दूर भगाकर
खुशियों की सगाई देता हूँ।
जय श्री राम कहकर अभिनन्दन,
और साथ ही विदाई देता हूँ।।