हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा विषय – चरित्र (भाग-2)
4
जैसी संगत नर करे , हो #राना बदलाव |
तब चरित्र होता प्रकट , बतलाता है भाव ||
5
यदि चरित्र उज्ज्वल रहे , नर बनता गुणवान |
#राना रखता पास है , सदा श्रेष्ठ सम्मान ||
6
#राना पत्नी से कहे , तुम घर में हो इत्र |
बोली वह यह सूँघना , सीखा कहाँ चरित्र || ? 🙏😇
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✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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