हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहे -विषय – पत्नी
#राना जीवन में सदा, पत्नी है सौगात |
वामअंग कहते उसे , होती नवल प्रभात ||
मेघ बनी रस डालती , सुंदर रखती गेह |
#राना अमरत मानिए ,पत्नी का शुचि नेह ||
देवी है वह प्रेम की , #राना को संज्ञान |
जहाँ गृहस्थी है शुरू , पत्नी है वरदान ||
पत्नी का सम्मान हो , #राना वहाँ उजास |
सही रहें कर्तव्य जब ,घर तब देव निवास ||
परमेश्वर है पति सदा , हरदम रखती ध्यान |
पत्नी के व्रत पति हिती, #राना जाने ज्ञान ||
#राना से पत्नी कहे , परमेश्वर श्रीमान |
सोने के कंगन मुझें , दीजे अब वरदान ||🙆♂️🙋😉
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✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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