हिन्दी दिवस विशेष/
शुद्ध श्रेष्ठ संस्कारित भाषा
देवनागरी लिपि कहाती।
अद्भुत ज्ञान कोष सहेजे
संस्कृत की उत्तराधिकारी कहाती।
पाली प्राकृत अपभ्रंश से
होकर ये परिमार्जित
अद्य परिष्कृत लक्षण हैं
उत्तम रूप स्वरूप सुहाती।
सिंधु हिंदु हिंदई हिन्दी
क्रमिक विकास बड़ी निराली
सूर कबीर केशव बिहारी
तुलसी की रचना उपकारी।
लल्लूजी लाल, राजा लक्ष्मण
व्यास, प्रसाद, भारतेंदु जी
द्विवेदी, पाठक और मैथिलीशरण
लिखे ग्रन्थ है हिंदी बलिहारी।
तीन सहस्त्र वर्ष से अधिक
इसकी हो रही आयु अब
तदपि नहीं कोई लक्षण भी
जीर्ण शीर्ण या अवसान की।
नित नित नूतन शब्द जुड़ रहे
शब्दकोश में शब्द बढ़ रहे
उन्नति प्रशस्त राष्ट्र की रहे
निजभाषा सङ्ग उन्नति अहे।
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