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18 Sep 2018 · 1 min read

हिन्दी की बहन उर्दु

जो बन्दिशें बाँधी थी
तेरी जुगल बन्दी में
वो आज सिसकती हैं
नफरत की बारिश में
किसी की खाला थी
किसी की मईया थी
हम तो सगी बहन थी
तू बुर्का नशीं हो गई
मैं बे पर्दा हो गई
सदियों साथ गुजारी
आज बेज़ार हो गई
मैं हिन्दु तू मुसलमाँ हो गई
-जगमोहन
9414140044

Language: Hindi
1 Comment · 478 Views
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