“हिन्दी का सम्मान”
“निज भाषा पर अभिमान रहे ,
प्रिय हिन्दी तेरा सम्मान रहे ।
वर्तमान में घुले मिसरी जैसे ,
अन्य भाषा बोले अपनी जैसे ।
अपनत्व रहे हर भाषा में ,
सम्मान रहे हर भाषा का ।
पर हर भारत वासी को
निज भाषा पर अभिमान रहे ,
माँ तुल्य हिन्दी का ज्ञान रहे ।
निर्देश हिन्दी में सुने ,
चाहे बटन दो दबाये ।
हिन्दी बोले निसंकोच ,
चाहे लोग मखौल उड़ाये ।
आंगल बोले सुने ,
पर निज भाषा पर अभिमान रहे ,
सर्वोत्तम भाषा हिन्दी का मान रहे ।
अपना मानो , व्यवहार में लाओ ,
हिन्दी से हम है , यह संज्ञान में लाओ ।
समझो वक्त के तक़ाज़े को ,
ताकि निज भाषा पर अभिमान रहे ,
आगामी भविष्य में ,
प्रिय हिंदुस्तान की हिन्दी का गान रहे ।”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”