हिन्दी अनुपम प्यारी रानी
हिन्दी अनुपम प्यारी रानी
हिन्दी अनुपम प्यारी रानी।
सावित्री की प्रेम कहानी।।
सत्यवान का यह शिव दर्शन।
विश्ववाद साहित्य शुभासन।।
सर्व काल में दिव्य अजेया।
दिव्य मार्ग दर्शिका सुश्रेया।।
पावन भाषा मधुरी बोली।
कंचन काया रूपक चोली।।
पूर्ण ब्रह्म ब्राह्मणी अचरज।
सुलोचना प्रिय मोहक सत अज।।
भव्य ज्ञान देती यह भाषा।
दूर भगाती सतत निराशा।।
यह रानी कल्याणी ज्ञानी।
परमार्थिक मधु सभ्य सुहानी।।
जिसे ज्ञान हिन्दी भाषा का।
वही सुगंध सुमन आशा का।।
प्रतिभा उसके उर में बहती।
भीतर बाहर हर पल चलती।।
हरदम प्यार किया करती है।
दाएँ -बाएँ नित रहती है।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।