हिचकी . ..
हिचकी . ..
रुख़्सत हुए जहान से तो ये हयात हंसने लगी
लाश अधूरी चाहतों की दूर कहीं जलने लगी
आखिरी हिचकी में लब ने नाम तेरा ले लिया
ख़ाक में हस्ती मिटाने हवाए-तुन्द चलने लगी
सुशील सरना
हिचकी . ..
रुख़्सत हुए जहान से तो ये हयात हंसने लगी
लाश अधूरी चाहतों की दूर कहीं जलने लगी
आखिरी हिचकी में लब ने नाम तेरा ले लिया
ख़ाक में हस्ती मिटाने हवाए-तुन्द चलने लगी
सुशील सरना