“हिंद की जय”
एक चिड़िया आसमां में,पंख फैला उड़ रही।
हिंद की जय, हिंद की जय,गीत मधुकर गा रही।
है नमन तुमको शहीदो,खुल के हमने सांस ली।
उस अमिट बलिदान को,हम भूल पाएंगे नहीं।
हम कृतज्ञ तुम देश के,अनुराग में खुद मिट गये
हम देश हित को फर्ज,समझें अब यही होगा सही।
इस विरासत को बुलंदी तक,हमें पहुंचाना है।
हम ऋणी है हर शहादत,कह रही हमसे यही।
एक जयकारा वतन का जोश बेजा भर रहा।
हौसलों से मंजिल तक,का सफर मुश्किल नहीं
प्रशांत शर्मा “सरल”
नेहरु वार्ड नरसिंहपुर
मोबा. 9009594797