तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
“की एक जाम और जमने दे झलक में मेरे ,🥃
किसान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*आदर्श कॉलोनी की रामलीला*
मैं नशे में हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
बोनूसाई पर दिखे, जब जब प्यारे सेब ।
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
ना रास्तों ने साथ दिया,ना मंजिलो ने इंतजार किया
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।